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Monday 12 March 2012

खाद्य सुरक्षा कानून 2006

खाद्य सुरक्षा कानून 2006 से निर्माण एवं विक्रेताओं का व्यवसाय खतरे में पड़ जाएगा। इस कानून के तहत आलू की चिप्स, पापड़, बड़ी, नमकीन, चाय के अलावा टिफिन सेंटर चलाने वाले लाइसेंस की परिधि में आ जाएंगे। अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी भी जरूरी है जो ऐसे छोटे व्यवसायियों को मिलना संभव ही नहीं है।

शुरू हो चुका है विरोध : खाद्य सामग्री बेचने वाले सभी विक्रेता लाइसेंस की परिधि में हैं। बिना लाइसेंस के खाद्य पदार्थ बेचने पर एक से तीन लाख रुपए का जुर्माना तय किया गया है। इस कानून का विरोध पिछले माह राजस्थान में शुरू हो चुका है। व्यापारी 5 दिन तक व्यवसाय बंद करके सरकार को इसकी विसंगतियों के बारे में बता चुके हैं। कुछ और राज्यों में भी विरोध शुरू हो गया है।

ये हैं दायरे में : 5 अगस्त 2011 से लागू खाद्य सुरक्षा कानून में खाद्य पदार्थों का उत्पादन, वितरण, परिवहन एवं विक्रय चाहे बड़ी दुकानों से हो अथवा सिर पर रखकर खोमचे बेचने वाले, चना, मूंगफली के दाने अथवा समोसे, कचोरी, भेलपूरी, घर-घर पापड़, बड़ी आदि खाद्य सामग्री बेचने वाली महिलाओं को लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा।

खाद्य पदार्थों का वितरण साइकल, रिक्शा, मेटाडोर अथवा ट्रक चाहे जिससे किया जा रहा हो, उन्हें भी लाइसेंस लेना होगा। भंडारण, वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज, फुटकर व्यापार के अलावा 12 लाख रुपए वार्षिक बिक्री करते हैं, तो रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। अन्यथा व्यापार नहीं कर सकेंगे। दूध-घी विक्रेता (दो टन से अधिक बिक्री करते हैं) तो उन्हें लाइसेंस मुंबई से लेना होगा।

देश में ऐसे लाइसेंस देने के लिए 5 जोन स्थापित किए गए हैं। मप्र मुंबई जोन में आता है। दो टन से कम माल बेचने वालों के लाइसेंस मप्र में ही बनेंगे। आवेदन के बाद स्थान देखेंगे, उसी के बाद लाइसेंस दिया जाएगा।

बढ़ेगा भ्रष्टाचार : लाइसेंस बनवाने वालों की संख्या अधिक होने एवं अधिकारी कम होने से भ्रष्टाचार फैलने की आशंका है। लाइसेंस लेने में यह शर्त भी रखी गई है कि जो कर्मचारी कार्यरत हैं, उनका स्वास्थ्य संबंधी प्रमाण-पत्र देना होगा।

उद्योग-व्यापारिक फर्मों को लाइसेंस लेने के साथ एक शपथ-पत्र देना होगा, जिसमें असत्य जानकारी देने पर 6 माह की सजा का प्रावधान है। यदि कोई फर्म भागीदारी की है तो आवेदन पर भागीदारों के हस्ताक्षर जरूरी हैं। साथ ही यह भी जानकारी देना है कि वे कहां-कहां उपलब्ध रहेंगे।

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