सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे
ने रविवार को कहा कि वह 'गूंगी और बहरी' सरकार के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन आयोजित
करेंगे जो भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वालों को निशाना बनाए जाने पर आंखे मूंदे
हुए हैं।
भ्रष्टाचार का भंड़ाफोड़ करने वालों के संरक्षण के लिए कठोर कानून बनाने और दिवंगत आईपीएस अधिकारी नरेन्द्र कुमार के लिए न्याय की मांग के वास्ते एक दिन के उपवास शुरू करने से पहले अन्ना ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करते हुए काफी लोगों ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि इनमें से कई मामलों के तीन वर्ष गुजर जाने के बावजूद सरकार ने जांच नहीं कराई।
अन्ना ने कहा कि उनकी भ्रष्टाचार का भंड़ाफोड़ करने वालों माता, बच्चें, पिता, पत्नी न्याय के लिए कराह रहे हैं लेकिन सरकार गूंगी और बहरी हो गई है। उसे लोगों की कराह सुनाई नहीं दे रही है। इसके लिए बड़ा आंदोलन होगा। तब सरकार ध्यान देगी।
सरकार ने मनरेगा योजना शुरू की लेकिन ये लोग (भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वाले) इसे बेहतर बनाने की कोशिश में मारे गए।
अन्ना हजारे के उपवास का आयोजन करने वाले टीम अन्ना ने जन लोकपाल विधेयक को अमलीजामा नहीं पहनाने के लिए सत्तारूढ कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया।
टीम अन्ना के अनुसार, 2010 के बाद से भ्रष्टाचार की बुराई को उजागर करने की कोशिश में कम से कम 15 लोग अपना बलिदान दे चुके हैं। इसको ध्यान में रखते हुए भ्रष्टाचार का भंड़ाफोड़ करने वालों की सुरक्षा के लिए मजबूत व्यवस्था बनाए जाने की जरूरत है। (भाषा)
भ्रष्टाचार का भंड़ाफोड़ करने वालों के संरक्षण के लिए कठोर कानून बनाने और दिवंगत आईपीएस अधिकारी नरेन्द्र कुमार के लिए न्याय की मांग के वास्ते एक दिन के उपवास शुरू करने से पहले अन्ना ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करते हुए काफी लोगों ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि इनमें से कई मामलों के तीन वर्ष गुजर जाने के बावजूद सरकार ने जांच नहीं कराई।
अन्ना ने कहा कि उनकी भ्रष्टाचार का भंड़ाफोड़ करने वालों माता, बच्चें, पिता, पत्नी न्याय के लिए कराह रहे हैं लेकिन सरकार गूंगी और बहरी हो गई है। उसे लोगों की कराह सुनाई नहीं दे रही है। इसके लिए बड़ा आंदोलन होगा। तब सरकार ध्यान देगी।
सरकार ने मनरेगा योजना शुरू की लेकिन ये लोग (भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वाले) इसे बेहतर बनाने की कोशिश में मारे गए।
अन्ना हजारे के उपवास का आयोजन करने वाले टीम अन्ना ने जन लोकपाल विधेयक को अमलीजामा नहीं पहनाने के लिए सत्तारूढ कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया।
टीम अन्ना के अनुसार, 2010 के बाद से भ्रष्टाचार की बुराई को उजागर करने की कोशिश में कम से कम 15 लोग अपना बलिदान दे चुके हैं। इसको ध्यान में रखते हुए भ्रष्टाचार का भंड़ाफोड़ करने वालों की सुरक्षा के लिए मजबूत व्यवस्था बनाए जाने की जरूरत है। (भाषा)
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