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Wednesday 14 March 2012

दागदार हुई 'खाकी'!

(U.P.)कानपुर। कहते है प्यार अन्धा होता है, प्यार किसी धर्म किसी भेद भाव को नहीं मानता, प्यार अमीरी गरीबी के फासले को भी नही समझता और ये सच भी है क्योंकि प्यार करने वाले समाज की हर हद को पार कर कुछ भी कर गुजरने को तैयार होते हैं लेकिन अगर ये प्यार किसी आम इंसान का न होकर खाकी का हो तो अंजाम की हद क्या होगी, इसका अंदाजा लगाना थोड़ा मुश्किल होगा।

कुछ ऐसी ही खाकी की बदनाम मोहब्बत कानपुर में मंगलवार को देखने को मिली जहां कानपुर में ही एडिशनल एसपी रहे, एक 56 साल के बुजुर्ग को एक 16 साल की लड़की से मोहब्बत हो गयी और फिर प्यार कुछ इस कदर परवान चढ़ा की जबरन आवाम की हिफाज़त करने वाली खाकी, लड़की के पिता को धमकाकर उसके घर ही में उसी के पिता के सामने ही रासलीला रचाने लगा।

कानपुर के छावनी थाने में जहां रात के अंधेरे में पुलिस के सामने वो केस आया जिसे सुलझाने के चक्कर में खुद यहां की पुलिस ही उलझ गयी क्योंकि इस मामले में खाकी को खाकी के खिलाफ ही कार्यवाही करनी पड़ सकती है।

कभी इसी छावनी थाने के सर्किल ऑफिसर रहे अमरजीत सिंह शाही नाम के पुलिस अधिकारी के खिलाफ छावनी थाने में ही एक मामला आया। जिसमे एक नाबालिक लड़की के पिता ने सीओ साहब के खिलाफ अपनी लड़की को बहला फुसला कर उसके साथ शारीरिक शोषण करने का मुकदमा दर्ज करा दिया है।

पीड़ित पिता का कहना है कि वो लगातार इस बात कि शिकायत करता रहा लेकिन सीओ साहब नहीं माने और मना करने पर उसे हमेशा धमकी देते रहे कि यदि कहीं शिकायत करी तो फर्जी मुकदमों में फंसा देंगे।

ऐसे में एक मजबूर पिता अपनी ही निगाहों के सामने अपनी बेटी की नादानी के कारण उसकी अस्मत को लगातार तार-तार होते देखने को मजबूर हो गया लेकिन जैसे ही सीओ का ट्रांसफर कानपुर से प्रतापगढ़ हुआ तो इस मजबूर पिता ने इस पूरी घटना कि जानकारी कानपुर के आईजी और डीआईजी को दी।

जिसके बाद भी अब तक पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की जब लड़की ने आत्महत्या के इरादे से डाई पीकर जान देने की कोशिश की तब जाकर पुलिस ने इस पूरे मामले में कार्यवाही करने के लिए पहला कदम आगे बढ़ाया।

आम तौर पर इस तरह के मामलो में जहां लड़की नाबालिग होती है और केस ठीक इसी तरह का होता है, उसमे यही पुलिस लड़के को अपहरण और बलात्कार जैसी जघन्य धाराओं में जेल भेज कर कार्यवाही करने का राग अलापती नजर आती है लेकिन आज पुलिस इस तरह की कोई कार्यवाही न करने के साथ इस पूरे मामले में पीड़ित पिता के साथ लगातार शारीरिक शोषण का शिकार बन रही लड़की व सीओ अमरजीत सिंह शाही तीनों लोगों की तहरीर लेकर जांच के बाद कार्यवाही करने की बात कह रही है।

बता दें कि सीओ अमरजीत सिंह शाही के बसपा प्रशासन में रहे रसूक के कारण ही कानपुर के आईजी व डीआइजी जैसे बड़े अधिकारियों ने भी मामले की जानकारी दो माह पहले होने के बावजूद भी इस सीओ के खिलाफ किसी भी तरह की कोई भी कार्यवाही को अंजाम देने की हिमाकत ही नहीं की।

वहीं डीआइजी ने आज मामले के तूल पकड़ने के बाद मीडिया के माध्यम से जानकारी लगने की बात कही और उसके बाद जब पुलिस अस्पताल पहुंची तो ऑन ड्यूटी प्रतापगढ़ से लखनऊ में रहने वाले यही आशिक मिजाज सीओ अमरजीत सिंह शाही पहले से ही अस्पाल में कानपुर पुलिस को मिले।

जिसके बाद सीओ समेत पीड़ित पिता व उसके परिवार को पुलिस कानपुर के कैंट थाने में ले आई। जहां पूछताछ के दौरान सभी कडियां खुलने लगी लेकिन मामला खाकी का है और सजा का तरीका यानी क़ानून का इस्तेमाल भी खाकी को ही करना है, इसलिए पुलिस ने बजाय सीओ के खिलाफ सख्ती से कार्यवाही करने के तीनों पक्षों की तहरीर लेकर जांच करने की बात कही।

खाकी की गिरफ्त में आए खुद खाकी के सिपहसालार अमरजीत सिंह शाही का सच समाज के सामने जरूर आ गया है लेकिन फिर भी वर्दी के पीछे छिपे इस शातिर पुलिस अधिकारी का शातिराना अंदाज अभी कम नहीं हुआ है क्योंकि मामला खाकी का था इसलिए पुलिस ने एक कमरे में लड़की और सीओ को बातचीत का मौक़ा दे दिया। जिसके बाद अब सीओ साहब अपनी गलती को मानने के बजाए खुद लड़की के पिता पर ही आरोप लगा रहे हैं।

समाज को इस तरह के अपराधों से बचाने के लिए तैनात किए गए ये ऐसे अधिकारी है जो खुद को बचाने के लिए एक पिता पर उसकी ही बेटी के साथ अवैध संबंध होने की बात कह रहे हैं और साथ ही खुद को इस लड़की को पिता के शोषण से बचाने की बात कह रहे हैं।

अमजीत सिंह शाही की माने तो इस लड़की का अब तक कई बार गर्भपात भी हो चुका है। वही पीड़ित पिता द्वारा सीओ साहब की कॉल डिटेल निकलवाई गई तो उसमें जो सच सामने आया वो बेहद चौकाने वाला था। कॉल डिटेल में एक माह के भीतर दोनों के बीच तीन-तीन घंटे तक बात हुई है और लगभग 1300 कॉल्स एक माह में हुई थी।

वहीं सवाल ये भी उठता है कि दो माह पहले अमरजीत सिंह शाही कि तैनाती कानपुर में ही थी और पीड़ित पिता एमसी विद्यार्थी का घर इन्हीं के सर्किल में था यदि इस तरह कि कोई घटना को पिता द्वारा अंजाम दिया जा रहा था तो इन्होंने उस वक्त इस पिता के ऊपर कार्यवाही क्यों नहीं की जबकि ये उसी सर्किल में एडिशनल एसपी यानी सीओ के पद पर तैनात थे और सभी चीजे इनके कार्य क्षेत्र में थी। बहरहाल कानपुर पुलिस की निगाहों के सामने पूरा मंजर आ तो गया है, कानपुर पुलिस इस वक्त अपने एक अधिकारी को बचाने का भरसक प्रयास कर रही है।

साभार- bhadas4police.com

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